Posted by tribune On November - 13 - 2009 संस्थापक व संयोजक इंद्रेश कुमार ने कहा कि उनका संगम भारतीय भूमि पर पनपे सभी धर्मों के साथ ही व ईसाई धर्मों के लोगों के साथ संवाद स्थापित कर आपसी भाईचारा व समन्वय स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि चीन के मंडराते खतरे के चलते केंद्र सरकार को सीमाओं पर युद्घ स्तर पर तैयारी करनी चाहिए। सीमाओं के पास स्थित गांवों में स्वास्थ्य चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास करना चाहिए ताकि इन क्षेत्रों से जनता का पलायन रोका जा सके। इंद्रेश कुमार आज यहां जनकनगर में संवाददाताओं के साथ वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तथागत गौतमबुद्घ ने उस समय समाज में व्याप्त कुरीतियों में सुधार के लिए बौद्घ धर्म की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि जैन धर्म, बौद्घ धर्म व सिख धर्म में सबसे बड़ी समानता यह है कि इनकी स्थापना इश्ववांकु वंश के क्षत्रियों ने की तथा सभी ओम के नाम का उच्चारण करते हैं। उन्होंने छूआछूत को सबसे बड़ा सामाजिक अपराध बताते हुए कहा कि इससे भी मुक्ति मिलनी चाहिए क्योंकि सभी इनसान हैं।
- धर्म संस्कृति संगम बौद्ध महाम्मेलन 14 से
सहारनपुर, 12 नवंबर (निस)। धर्म संस्कृति संगम के तत्वावधान में 14 नवम्बर को दो दिवसीय धर्म संस्कृति संगम बौद्घ महासम्मेलन का आयोजन सहारनपुर में किया जाएगा जिसका वर्तमान आधुनिकता में तथागत बुद्घ के उपदेशों पर गोष्ठी का आयोज किया जाएगा। उक्त जानकारी देते हुए संचालन समिति के सदस्य व भारतीय बौद्घ महासभा के मंडल अध्यक्ष आचार्य प्रज्ञारत्न ने बताया कि स्थानीय अग्रवाल धर्मशाला में दो दिवसीय बौद्घ महासम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें 14 नवम्बर को विचार गोष्ठी व 15 नवम्बर को जनसभा आयोजित की जाए जिसमें सैनिक समता दल के राष्टïरीय अध्यक्ष ए. आर. जोशी, राष्ट्रीय महसचिव राजेंद्र गौतम, भारतीय बौद्घ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदू पाटिल, धर्म संस्कृति संगम के राष्ट्रीय मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार, पीडी मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेघे, कर्तव्यबौद्ध संस्था के प्रबंध न्यासी शांत प्रकाश सदगुरू समनदास चेरिटेबल ट्रस्ट के महात्मा ऋषिदास, मुख्य उपसंपादक अभय गुप्ता मुख्य अतिथि होंगे।